घरेलु कार्यों और फैक्ट्रियों में ऊष्मा उत्पन्न करने के लिए ईंधन का उपयोग किया जाता है । यहां मैं आपको ईंधन के बारे में जानकारी दूंगा ।
ईंधन की परिभाषा क्या है? आदर्श ईंधन क्या है? ईंधन कितने प्रकार के होते हैं? आदर्श ईंधन की विशेषताएं क्या है?
पोस्ट में ये जानकारी है -
ईंधन किसे कहते हैं
ऐसे पदार्थ जिन्हें ऑक्सीजन की उपस्तिथि में जलाने पर आसानी से जलने लगते है और अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करते है उन्हें ईंधन कहते हैं।
सभी प्रकार के ईंधन ज्वलनशील होते हैं।
ईंधन कितने प्रकार के होते हैं
सामान्यतः ईंधन तीन प्रकार के होते हैं –
(1) ठोस ईंधन – वे ईंधन जो ठोस अवस्था में होते है, ठोस ईंधन (Solid fuel) कहलाते हैं
जैसे – लकड़ी, कोयला आदि
विशेषता :
- इनके दहन के पश्चात राख बच जाती है
- ये कम मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करते हैं
(2) द्रवीय ईंधन – वे ईंधन जो द्रव अवस्था में होते है, द्रव ईंधन (Liquid fuel) कहलाते हैं
जैसे – डीजल, पेट्रोल, मिट्टी का तेल आदि
विशेषता :
- इनके दहन के पश्चात राख नही बचती
- ये अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करते हैं
(3) गैसीय ईंधन – वे ईंधन जो गैसीय अवस्था में होते है, गैसीय ईंधन (Gaseous fuel) कहलाते हैं
जैसे – LPG, हाइड्रोजन आदि
विशेषता :
- इनके दहन के पश्चात राख नहीं बचती
- ये बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करते हैं
आदर्श ईंधन किसे कहते हैं
निम्न विशेषताओं वाला ईंधन ही आदर्श ईंधन कहलाता है –
- वह ईंधन जो कम मात्रा में ही अधिक ऊष्मा उत्पन्न करता है उसे आदर्श ईंधन कहते हैं।
- जिसके दहन के पश्चात किसी प्रकार का अपशिष्ट नहीं बचता।
- दहन के समय किसी प्रकार की जहरीली गैस या धुआं उत्पन्न नहीं होता।
- सस्ता व आसानी से उपलब्ध होता है।
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