विद्युत ऊर्जा उत्पादन में कई तरह के यंत्र प्रयोग किए जाते हैं यहां मैं आपको अल्टरनेटर (Alternator) के बारे में बताऊंगा ।
पोस्ट में ये जानकारी है - [hide]
अल्टरनेटर क्या है ?
यांत्रिक ऊर्जा को प्रत्यावर्ती विद्युत धारा में परिवर्तित करने वाले यंत्र को प्रत्यावर्तक ( अल्टरनेटर ) कहते हैं ।
यह AC जनरेटर होता है, इसके द्वारा प्रत्यावर्ती धारा उत्पन्न की जाती है। अल्टरनेटर से उच्च वोल्टेज 11kv से 33kv तक की प्रत्यावर्ती विद्युत ऊर्जा का उत्पादन किया जा सकता है ।
● AC और DC मोटर में अंतर
● AC और DC करंट में क्या अंतर है ?
अल्टरनेटर का कार्य सिद्धांत
अल्टरनेटर फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है ।
अल्टरनेटर के मुख्य भाग स्टेटर, रोटर, एक्साइटर, आदि हैं ।
अल्टरनेटर के प्रकार
अल्टरनेटर विभिन्न प्रकार का होता है –
जल टर्बाइन आल्टरनेटर
जल स्त्रोत जैसे बांध आदि के जल को टर्बाइन के ब्लेड पर ऊंचाई से गिराया जाता है जिससे टर्बाइन घूमने लगती है ।
घूमती हुई टर्बाइन की मदद से आल्टरनेटर के रोटर को घुमाया जाता है ।
बाष्प टर्बाइन आल्टरनेटर
इसमे टर्बाइन को घुमाने के लिए बाष्प का उपयोग किया जाता है, बाष्प को कोयला आदि से उत्पन्न किया जाता है ।
डीजल इंजन आल्टरनेटर
इसमे ऑयल चालित इंजन के द्वारा रोटर को घुमाया जाता है ।
इसके अलावा अल्टरनेटर का वर्गीकरण और भी प्रकार से किया जाता है –
फेज के आधार पर
● सिंगल फेज अल्टरनेटर
● तीन फेज अल्टरनेटर
● तीन फेज अल्टरनेटर
रोटेटिंग पार्ट के आधार पर
● रोटेटिंग फील्ड
● रोटेटिंग आर्मेचर
● रोटेटिंग आर्मेचर
अल्टरनेटर की कार्यप्रणाली
जब रोटर को स्टेटर के बीच घुमाया जाता है तो तो रोटर से उत्पन्न होने वाली चुम्बकीय बल रेखाएं स्टेटर के चालक का छेदन करती है ।
जिससे फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के नियम के अनुसार स्टेटर वाइण्डिंग मे विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है ।
अल्टरनेटर का उपयोग
अल्टरनेटर का उपयोग प्रत्यावर्ती विद्युत ऊर्जा उत्पादन मे किया जाता है ।