शुष्क सेल क्या है? सचित्र वर्णन कीजिए

विद्युत सेल मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:

(1) प्राथमिक सेल: शुष्क सेल, डेनियल सेल, वोल्टेइक सेल आदि

(2) द्वितीयक सेल: लेड एसिड सेल, निकल कैडमियम सेल आदि

अधिक जानकारी के लिए आप ये पोस्ट पढ़ें: प्राथमिक सेल और द्वितीयक सेल क्या है

यहां मैं आपको शुष्क सेल के बारे में बताने वाला हूँ कि शुष्क सेल क्या होता है? इसकी संरचना कैसी होती है और यह कैसे कार्य करता है?

पोस्ट में ये जानकारी है -

शुष्क सेल क्या है

शुष्क सेल एक प्रकार का प्राथमिक सेल है इसकी खोज जर्मन वैज्ञानिक कार्ल गैसनर ने की थी। वैसे तो इससे पहले भी फ्रांसीसी वैज्ञानिक जॉर्ज लेक्लांशी ने ऐसा ही एक सेल बनाया था जिसे लेक्लांशी सेल के नाम से जाना जाता है। परन्तु लेक्लांशी सेल में विद्युत अपघट्य के रूप में अमोनियम क्लोराइड का द्रव्य भरा जाता था जिसके कारण सेल को स्थानांतरित करने पर वह द्रव्य फैल जाता था।

इसके बाद जर्मन वैज्ञानिक Carl Gassner ने शुष्क सेल विकसित किया जिसमें विद्युत अपघट्य के रूप में अमोनियम क्लोराइड और जिंक क्लोराइड की लुगदी अर्थात पेस्ट भरा जाता है इसमें केवल जरूरत के अनुसार ही नमी होती है जिससे यह गाढ़ा रहता है और फैल नहीं सकता।

हमारे घरों में उपयोग की जाने वाली दीवार घड़ी, टोर्च, टीवी रिमोट, बच्चों के खिलोने आदि में जो सेल उपयोग किया जाता है वह शुष्क सेल होता है।

शुष्क सेल की संरचना

इसमें जस्ते का एक बेलनाकार पात्र होता है जो एनोड का कार्य करता है इस बेलनाकार पात्र में विद्युत् अपघट्य के रूप में अमोनियम क्लोराइड और जिंक क्लोराइड का पेस्ट भरा होता है। बेलनाकार पात्र के बीच में ग्रेफाइट की छड़ लगी होती है जो कैथोड का कार्य करती है।

ग्रेफाइट की छड़ के चारों ओर एक मलमल की थैली में मैगनीज डाई ऑक्साइड और कार्बन का चूर्ण भरा होता है। सेल के ऊपरी भाग को अच्छी तरह से बंद कर दिया जाता है। ग्रेफाइट की छड़ के ऊपर एक पीतल की टोपी लगी होती है।

शुष्क सेल का नामांकित चित्र

शुष्क सेल से सम्बंधित प्रश्न उत्तर

शुष्क सेल में एनोड क्या होता है?

जस्ते का पात्र

शुष्क सेल में कैथोड क्या होता है?

ग्रेफाइट की छड़

शुष्क सेल का विद्युत वाहक बल कितना होता है?

1.5 वोल्ट

शुष्क सेल में कौनसी ऊर्जा होती है?

शुष्क सेल रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा (डीसी करंट) में परिवर्तित करता है।

शुष्क सेल का आविष्कार किसने किया

जर्मन वैज्ञानिक कार्ल गैसनर

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