किसी पदार्थ में विद्युत धारा का प्रवाह उस पदार्थ मे उपस्थित मुक्त इलेक्ट्राॅन की संख्या पर निर्भर करता है ।
मुक्त इलेक्ट्राॅन तथा धारा प्रवाह के अनुसार पदार्थ तीन प्रकार के होते हैं –
● चालक अथवा सुचालक ( Conductor )
● कुचालक अथवा अचालक ( Insulator )
● अर्धचालक( Semiconductor )
● कुचालक अथवा अचालक ( Insulator )
● अर्धचालक( Semiconductor )
यहां मैं आपको इनके बारे मे जानकारी दूंगा कि चालक, अचालक तथा अर्धचालक पदार्थ किसे कहते हैं ? इनके उपयोग तथा गुण क्या हैं ?
पोस्ट में ये जानकारी है -
चालक किसे कहते हैं?
वे पदार्थ जिनमें विद्युत धारा का प्रवाह आसानी से हो जाता है, चालक या सुचालक पदार्थ कहलाते है । चालको मे मुक्त इलेक्ट्राॅन की संख्या अधिक होती है ।
उदाहरण – चांदी, तांबा, एल्युमीनियम आदि ।
उपयोग – विद्युत धारा के प्रवाहन एवं विद्युत चलित उपकरणों के निर्माण में
अच्छे सुचालक के गुण –
● चालक का प्रतिरोध बहुत कम होना चाहिए ।
● चालक सस्ता तथा सरलता से उपलब्ध होना चाहिए ।
● चालक मजबूत होना चाहिए ।
● चालक सस्ता तथा सरलता से उपलब्ध होना चाहिए ।
● चालक मजबूत होना चाहिए ।
अचालक किसे कहते हैं?
वे पदार्थ जिनमें विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होती है, अचालक पदार्थ कहलाते हैं तथा इनमें मुक्त इलेक्ट्राॅन नहीं (न के बराबर) होते है ।
उदाहरण – रबर, प्लास्टिक, कांच आदि ।
उपयोग – चालक तारों के आवरण के लिए, विद्युतरोधी वस्तुओं के निर्माण में ।
कुचालक के गुण –
● प्रतिरोध उच्च होना चाहिए ।
● सस्ता एवं सरलता से उपलब्ध होना चाहिए ।
● कुचालक पदार्थ मजबूत और जलरोधी होना चाहिए ।
● सस्ता एवं सरलता से उपलब्ध होना चाहिए ।
● कुचालक पदार्थ मजबूत और जलरोधी होना चाहिए ।
अर्धचालक किसे कहते हैं?
वे पदार्थ जिनमें सामान्य परिस्थितियों मे विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होती परन्तु तापमान बढ़ाने या अशुद्धि मिलाने पर इनकी चालकता बढ़ जाती है और इनमे से धारा प्रवाहित होने लगती है, ऐसे पदार्थ अर्द्धचालक कहलाते हैं ।
इनका प्रतिरोध चालक पदार्थ से अधिक लेकिन अचालक पदार्थ से कम होता है, इनमें कम मात्रा में मुक्त इलेक्ट्राॅन पाये जाते है ।
उदाहरण – सिलिकॉन तथा जर्मेनियम
उपयोग – इलेक्ट्रॉनिक युक्ति जैसे डायोड, ट्रांजिस्टर, LED आदि के निर्माण में ।