अपनी पिछली पोस्ट में मैंने आपको अनुप्रस्थ और अनुदैर्ध्य तरंग के बारे में बताया था यहां मैं आपको ध्वनि के बारे में बताने वाला हूं कि ध्वनि तरंग किसे कहते हैं? इसकी परिभाषा क्या है? और ध्वनि कितने प्रकार की होती है ? अवश्रव्य, श्रव्य और पराश्रव्य तरंग क्या है dhwani kya hai, dhwani ke prakar in hindi
पोस्ट में ये जानकारी है -
ध्वनि किसे कहते हैं
हमारे बोलने, किसी वस्तु के टकराने, कंपन, यंत्र आदि से ध्वनि उत्पन्न होती है। ध्वनि तरंग एक प्रकार की ऊर्जा है यह अनुदैर्ध्य तरंग होती है जो ठोस, द्रव और गैस में संचरित होती है।
ध्वनि तीव्रता कितने प्रकार की होती है
कभी-कभी हम किसी व्यक्ति के कुछ बोलने पर उसकी आवाज सुन नही पाते क्योंकि उसकी आवाज की प्रबलता कम होती है अर्थात उसकी ध्वनि की तीव्रता कम होती है। इसी प्रकार अलग-अलग ध्वनियां अलग-अलग तीव्रता की होती हैं।
ध्वनि तरंग तीन प्रकार की होती है
- अवश्रव्य तरंग
- श्रव्य तरंग
- पराश्रव्य तरंग
अवश्रव्य ध्वनि किसे कहते हैं
वे ध्वनि तरंगे जिनकी आवर्त्ति 20,000 Hz से कम होती है और जिन्हें मनुष्य नहीं सुन सकता उन्हें अवश्रव्य ध्वनि तरंग कहते हैं।
श्रव्य ध्वनि किसे कहते हैं
वे ध्वनि तरंगे जिनकी आवर्त्ति 20 Hz से 20,000 Hz के बीच होती है और जिन्हें मनुष्य सुन सकता है उन्हें श्रव्य ध्वनि तरंग कहते हैं।
पराश्रव्य ध्वनि किसे कहते हैं
वे ध्वनि तरंगे जिनकी फ्रीक्वेंसी 20,000 Hz से अधिक होती है और जिन्हें मनुष्य नहीं सुन सकता लेकिन कुछ विशेष जानवर इसे सुन सकते हैं, उन्हें अवश्रव्य ध्वनि तरंग कहते हैं।
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