Electricity से जुड़े बहुत से नियम हैं जो हमें पता होना जरूरी है और अगर आप electrical Education Student हैं तो ये नियम आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है ।
ओम का नियम, किरचाॅफ का नियम, फैराडे के नियम इनमे से कुछ महत्वपूर्ण नियम है जो लगभग हर स्टुडेंट के लिए जरूरी होते हैं।
नियमों को केवल रटकर याद करने से कुछ फायदा नही होता, हमें इसके मतलब के बारे मे भी पता होना चाहिए कि किस नियम का क्या अर्थ है? किस जगह उपयोग होता है आदि।
आज मैं आपको 10 and 12th board physics के महत्वपूर्ण ओम के नियम (Ohm Law in hindi) के बारे में पूरी जानकारी दूंगा इस पोस्ट को पढ़कर आप ओह्म के नियम को आसानी समझ लेगे और इसका उपयोग जान पाएंगे । आप इसकी pdf फाइल भी डाउनलोड कर सकते हैं ।
पोस्ट में ये जानकारी है -
Om ka niyam
ओम का नियम का सूत्र –
V = IR
ओम के नियम का मूल अर्थ यही है इसी सूत्र से आप नियम की परिभाषा बना सकते हैं
यहां
V = विभान्तर (Voltage), Volts में
I = धारा, करंट एम्पियर में
R = प्रतिरोध ओह्म में (Resistance)
परिभाषा
समान ताप व स्थिति में किसी बन्द डीसी परिपथ में प्रतिरोध के सिरों पर लगने वाला वोल्टेज उस प्रतिरोध में प्रवाहित होने वाली धारा के मान के समानुपाती होता है।
अर्थात्
V∝ I
सरल भाषा
किसी बंद डीसी परिपथ में वोल्टेज का मान उस परिपथ में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा और प्रतिरोध के मान के गुणनफल के बराबर होता है ।
नोट: यह सरल भाषा में अनुवाद केवल नियम को अच्छी तरह समझने के लिए दिया गया है। अगर आपको एग्जाम में लिखना हो तो इससे पहले बताई गयी वास्तविक परिभाषा का ही उपयोग करें।
यहां बंद डीसी परिपथ (Close DC Circuit) यानी की ऐसा डीसी सर्किट जिसमें स्विच ऑन हो और परिपथ चालू हो ।
इसमें
वोल्टेज (V) = धारा (I) × प्रतिरोध (R)
इसी फार्मूले का उपयोग करके आप वोल्टेज, धारा और प्रतिरोध के मान निकाल सकते हैं ।
जैसे:
V = IR
R = V/I
I = V/R
इसे Om ka niyam नहीं, बल्कि Ohm (ओह्म) ka niyam कहते हैं। पोस्ट में हुई त्रुटि के लिए माफ़ी
ओम का नियम केवल डीसी परिपथ में लागू होता है, AC Circuit में नहीं
ohm के नियम की सीमाएं
- जिन युक्तियों में धारा का प्रवाह एकतरफा होता है अर्थात केवल एक ही दिशा में धारा प्रवाहित होती है, ऐसी युक्तियों में ओम का नियम लागू नहीं होता जैसे – ट्रांजिस्टर, डायोड आदि।
- ओम का नियम किसी परिपथ में केवल समान ताप तथा परिस्थितियों पर ही लागू होता है। परिपथ के भौतिक अवस्था में परिवर्तन होने पर ओम का नियम काम नहीं करता।
- ओम का नियम अधात्विक चालकों पर लागू नहीं होता।
ओम के नियम से संबंधित प्रश्न
प्रश्न: ओम के नियम में ताप नियत क्यों होना चाहिये?
किसी चालक के तापमान में परिवर्तन होने पर उसके प्रतिरोध में भी परिवर्तन होता है जिसकी वजह से गणना का मान भिन्न-भिन्न प्राप्त होता है। इसीलिए ओम के नियम में तापमान का नियत होना आवश्यक है।
प्रश्न: क्या अर्धचालक ओम के नियम का पालन करते हैं?
अर्धचालकों में ओम के नियम का पालन नहीं किया जाता है।
अगर आप ओम का नियम pdf में डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप यहां दिए लिंक पर क्लिक करके pdf भी डाउनलोड कर सकते हैं ।
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