वर्तमान समय में औद्योगिक क्षेत्र में बहुत तेजी से विस्तार हो रहा है आये दिन नई-नई औद्योगिक कंपनियां स्थापित हो रही है। विभिन्न प्रकार की चीजों का निर्माण अपने देश में ही किया जाये और किसी अन्य देश से आयत न करना पड़े, इस बात पर भी बहुत जोर दिया जा रहा है। ऐसे में लोकल फॉर वोकल जैसे कई प्रयास किए जा रहे हैं।
औद्योगिक कंपनियों के विस्तार को देखते हुए इंजीनियरों और औद्योगिक वर्करों की बहुत डिमांड होने लगी है क्योंकि किसी भी मशीन का संचालन और रख रखाव केवल एक कुशल इंजीनियर ही कर सकता है। ऐसे में विद्यार्थियों का रुख इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर बनाने की ओर हो रहा है, कई सारे विद्यार्थी विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग कोर्स में प्रशिक्षण ले रहे हैं ताकि अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकें।
इंजीनियरिंग कोर्स विभिन्न प्रकार के होते हैं जैसे: सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग आदि। यहाँ मैं आपको इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स के बारे में हिंदी में बताने वाला हूँ।
पोस्ट में ये जानकारी है -
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग क्या है
यह इंजीनियरिंग कोर्स की एक शाखा है जिसमे बिजली से चलने वाले यंत्रों, मशीनों और मोटरों के निर्माण, कार्यप्रणाली और अनुरक्षण से सम्बंधित प्रशिक्षण दिया जाता है।
Electrical engineering को हिंदी में विद्युत अभियांत्रिकी कहते हैं।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियर का क्या काम होता है?
इलेक्ट्रिकल इंजीनियर का कार्य बिजली से चलने वाली विभिन्न प्रकार की मशीनों और यंत्रों को डिजाइन करना, उसमें विभिन्न प्रकार की विद्युत युक्तियों को जोड़ना और वायरिंग करना, किसी प्रकार की खराबी आने पर उसको ठीक करना होता है।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियर कैसे बने
इलेक्ट्रिकल इंजीनियर बनने के लिए कई प्रकार के कोर्सेज होते है:
- डिप्लोमा कोर्स: दसवीं कक्षा के बाद आप पॉलिटेक्निक डिप्लोमा की इलेक्ट्रिकल ब्रांच में अध्ययन कर सकते हैं और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर बन सकते है। इस कोर्स की शैक्षणिक अवधि तीन वर्ष होती है। इस कोर्स के पश्चात आपको जूनियर इंजीनियर का पद मिल जायेगा।
- डिग्री कोर्स: बाहरवीं कक्षा के बाद आप B.E. अथवा B.tech कोर्स की इलेक्ट्रिकल ब्रांच में अध्ययन करके इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। इसकी शैक्षणिक अवधि चार वर्ष होती है तथा इसे करने के बाद आप किसी कंपनी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर बन सकते हैं।
- मास्टर डिग्री: M.E. अथवा M.tech कोर्स का अध्ययन डिग्री कोर्स करने के बाद किया जाता है यह दो वर्ष का होता है। मास्टर डिग्री प्राप्त करने के बाद आप किसी कंपनी में सीनियर इंजीनियर की जॉब कर सकते हैं।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की जॉब्स और सैलरी
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के बाद करियर से जुड़े कई रास्ते खुल जाते हैं और रोजगार के अवसर बहुत अधिक बढ़ जाते हैं। प्रत्येक औद्योगिक फैक्ट्री में विद्युत् से चलने वाली बड़ी बड़ी मशीनें होती हैं जिनके निर्माण और अनुरक्षण के लिए इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की आवश्यकता होती है।
हमारे देश में कई ऐसी बड़ी बड़ी कंपनियां हैं जिनमें कुशल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की आवश्यकता रहती है।
- रेलवे: पहले रेलों को कोयले से चलाया जाता था परन्तु अब विद्युत् ट्रेनों का उपयोग किया जाता है जिनके अनुरक्षण और संचालन के लिए इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की आवश्यकता होती है। भारतीय रेलवे में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की प्रारम्भिक सैलरी लगभग 35 से 50 हजार रूपये प्रतिमाह है।
- पावर ग्रिड: विद्युत ऊर्जा के पारेषण के लिए संचरण केंद्र बनाये जाते हैं जहां पर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की आवश्यकता होती है। पावर ग्रिड में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर को लगभग 30 से 50 हज़ार प्रतिमाह तक सैलरी मिल सकती है
- BHEL: भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, भारत में इंजीनियरिंग क्षेत्र की एक बहुत बड़ी कंपनी है जो विभिन्न प्रकार के उत्पादन करती है। भेल में कार्य करने वाले इंजीनियर को लगभग 50 से 60 हजार रूपये प्रतिमाह की सैलरी मिलती है
- इसके अलावा कई कंपनियां और भी हैं जैसे: NTPC, BEL, UPPCL, Tata Motors, Indian Oil आदि।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग एक बहुत ही अच्छा व्यवसाय है और औद्योगिक क्षेत्र में इसकी बहुत अच्छी डिमांड भी है अगर आपको इलेक्ट्रिकल विभाग में रूचि है तो आपको ये कोर्स जरूर करना चाहिए। परन्तु अगर आपकी रूचि किसी अन्य फील्ड में है तो आपको अपनी पसंदीदा क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए। क्योंकि कार्य यदि स्वमं की रूचि का हो तो सफलता बहुत जल्दी मिलती है।
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Very good post