इंजीनियरिंग से जुड़े कोर्स तीन प्रकार के होते हैं: आईटीआई कोर्स, डिप्लोमा कोर्स और बीटेक
तीनों ही कोर्स अलग-अलग प्रकार की मान्यता और अलग अलग प्रशिक्षण अवधि के होते हैं। यहां मैं आपको Polytechnic diploma कोर्स के बारे में जानकारी देने वाला हूँ।
पोस्ट में ये जानकारी है -
Polytechnic diploma क्या है?
पॉलिटेक्निक एक डिप्लोमा कोर्स होता है जिसमे कई प्रकार की ब्रांच होती हैं, छात्र अपनी पसंद अनुसार किसी भी ब्रांच में एडमिशन ले सकते हैं। पॉलिटेक्निक कोर्स की अवधि विभिन्न ब्रांच अनुसार 2, 3 तथा 4 वर्ष की होती है।
पॉलिटेक्निक कोर्स में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद छात्र को सम्बंधित ब्रांच में प्रशिक्षण पूरा होने का प्रमाण पत्र दिया जाता है जिसे डिप्लोमा कहते हैं। उदाहरण के तौर पर मान लीजिये की आपने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया तो आपके यूनिवर्सिटी या महाविद्यालय द्वारा आपको इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा सर्टिफिकेट दिया जायेगा जिसकी मदद से आप किसी भी कंपनी में डिप्लोमा इंजीनियर के पद पर अप्लाई कर सकते हैं।
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कैसे करें?
पॉलिटेक्निक में एडमिशन लेने के लिए छात्र को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10th पास होना जरूरी है। पॉलिटेक्निक में एडमिशन से पहले छात्र को पीपीटी नाम की एक प्रवेशिका परीक्षा देनी होगी, जिसमे क्वालीफाई होने के बाद छात्र को पॉलिटेक्निक कोर्स में प्रवेश मिलता है।
अगर कोई छात्र आईटीआई कोर्स कर चुका हो तो उसे काउंसलिंग द्वारा सीधे ही पॉलिटेक्निक कोर्स के 2nd सेमेस्टर में प्रवेश दिया जाता है, उस छात्र को पीपीटी टेस्ट नहीं देना पड़ता।
पॉलिटेक्निक में विभिन्न प्रकार की ब्रांच होती हैं जैसे: इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकॉम, सिविल, केमिकल इंजीनियरिंग आदि।
सभी ब्रांचों की लिस्ट के लिए यहाँ जाएँ: पॉलिटेक्निक डिप्लोमा ट्रेड लिस्ट
पॉलिटेक्निक में क्या पढ़ाया जाता है?
पॉलिटेक्निक कोर्स में प्रशिक्षणार्थी को उसकी ब्रांच अथवा ट्रेड से सम्बंधित विषयों की थ्योरी एवं प्रैक्टिकल जानकारी दी जाती है। इसमें छात्रों को प्रत्येक सेमेस्टर में नए-नए विषयों का प्रशिक्षण दिया जाता है।
उदाहरण के तौर पर मान लीजिये कोई छात्र इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ब्रांच में अध्ययन कर रहा है तो उसे भौतिक विज्ञान के महत्वपूर्ण नियमों, विद्युत से चलने वाली मशीनों जैसे: AC और DC मोटर तथा ट्रांसफार्मर की संरचना, कार्यप्रणाली और रख-रखाव, विद्युत ऊर्जा के उत्पादन, संचरण और वितरण, विद्युत रेल इंजन, बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स आदि विषयों से सम्बंधित प्रशिक्षण दिया जाता है।
डिप्लोमा के बाद क्या करें?
डिप्लोमा प्राप्त करने के बाद छात्रों के लिए करियर के कई रास्ते खुल जाते हैं:
नौकरी: डिंप्लोमा प्राप्त करने के बाद छात्र किसी भी सरकारी संस्थान या प्राइवेट कंपनी में डिप्लोमा इंजीनियर से सम्बंधित पद पर नौकरी के लिए अप्लाई कर सकते हैं। भारतीय रेलवे में कई बार डिप्लोमाधारी छात्रों के लिए JE अर्थात जूनियर इंजीनियर के पदों की भर्ती निकलती हैं। इसके अलावा BHEL, BEL, NTPC जैसी कई बड़ी-बड़ी कंपनियों में डिप्लोमा इंजीनियर की भर्ती निकलती है।
पढ़ाई: आपने डिप्लोमा क्र लिया है परन्तु आपकी नौकरी करने की इक्छा नहीं है, आप इसके आगे और पढ़ना चाहते हैं तो आप B.tech कर सकते हैं। पॉलिटेक्निक करने के बाद B.tech करने वाले छात्रों को बिना किसी एंट्रेंस एग्जाम के सीधे ही 2nd Year में प्रवेश मिलता है।
बिजनेस: पॉलिटेक्निक डिप्लोमा में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद यवाओं के कौशल का विकास हो जाता है उनके पास इतनी जानकारी आ जाती है कि वह स्वमं उद्यमी बन सके। सरकार भी इसके लिए कई प्रकार के अभियान और योजनाएं चलती है जिससे युवा वर्ग उद्यमिता के लिए प्रेरित हो और नए-नए उद्योगों की स्थापना हो सके।
डिप्लोमा से सम्बंधित प्रश्न
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कितने साल का होता है?
2, 3 तथा 4 वर्ष
क्या इसमें स्कॉलरशिप मिलती है?
जी हाँ, यदि आप सरकार के छात्रवृत्ति नियमों के अनुसार स्कॉलरशिप के पात्र हैं।
डिप्लोमा की फीस कितनी है?
लगभग 25 से 30,000 हजार रूपये
क्या डिप्लोमा के बाद सरकारी नौकरी मिलेगी?
जी हाँ, आप डिप्लोमा इंजीनियर से सम्बंधित पदों पर अप्लाई कर सकते हैं।
पॉलिटेक्निक करने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?
मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10th पास होना जरूरी है।